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Dr. Arun Desai answered : 6 years ago
नामरà¥à¤¦à¥€ अथवा नपà¥à¤‚सकता
लिंग में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ तनाव न आने या परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ तनाव आने के बाद à¤à¥€ सही तरीके से सहवास न कर पाने को नपà¥à¤‚सकता कहा जा सकता है। आजकल नपà¥à¤‚सकता या इमà¥à¤ªà¥‹à¤Ÿà¥‡à¤‚सी की बजाय इरेकà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² डिसफंकà¥à¤¶à¤¨ (सही तनाव का अà¤à¤¾à¤µ) कहा जाता है।
पà¥à¤°à¥à¤· के सेकà¥à¤¸ चकà¥à¤° में चार चरण होते हैं। कामेचà¥à¤›à¤¾, इंदà¥à¤°à¤¿à¤¯ में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ तनाव, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जननांग में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ और चरम सीमा। कई बार कामेचà¥à¤›à¤¾ की कमी तो कई बार नरà¥à¤µà¤¸ सिसà¥à¤Ÿà¤® की गड़बड़ी की वजह से उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ में कमी आ सकती है।
दरअसल 7 डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ का मानना है कि 80 फीसदी मामलों में इरेकà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² डिसà¥à¤«à¤‚कà¥à¤¶à¤¨ की वजह शारीरिक होती है, बाकी 20 फीसदी मामले à¤à¤¸à¥‡ होते हैं जिनमें इसके लिठमानसिक कारण जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° होते हैं। का संबंध सीधे तौर पर जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से होता है, à¤à¤¸à¥‡ में पà¥à¤°à¥à¤· कई बार इस बारे में जागरूक नहीं हो पाते तो कई बार संकोचवश डॉकà¥à¤Ÿà¤° से इस बारे में परामरà¥à¤¶ नहीं ले पातें। जिससे ये रोग बढ़ने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बढ़ जाती है। नपà¥à¤‚सक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की महिला साथी कà¤à¥€ पूरà¥à¤£ रूप से संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ नहीं हो पाती।
कà¥à¤› लोग नपà¥à¤‚सक नहीं à¤à¥€ होते लेकिन घबराहट और मन में डर या किसी मानसिक बीमारी आदि के कारण वे उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¿à¤¤ नहीं हो पाते। à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में यही डर और घबराहट à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को नपà¥à¤‚सक बना देता हैं और घबराहट के कारण यह अपनी पारà¥à¤Ÿà¤¨à¤° से दूर-दूर रहने लगते हैं।
शीघà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¨
शीघà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¨â€™ या ‘Premature Ejaculation’ का सà¥à¤¤à¤° बà¥à¤¤à¤¾ जा रहा है अपेकà¥à¤·à¤¾ से पहले वीरà¥à¤¯ / Semen का सà¥à¤–लन / Ejaculation होने को हीं शीघà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¨ कहते हैं। पीड़ित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर इस समसà¥à¤¯à¤¾ का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक परिणाम पड़ता हैं।
कारण
1 नशाखोरी. धूमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¨,शराब के सेवन à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सेकà¥à¤¸ लाइफ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करती है। तनाव, शराब, धूमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¨ और मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ का à¤à¥€ सेकà¥à¤¸ लाइफ पर असर होता है। अत: इनसे बचकर रहना चाहिà¤à¥¤
2. हॉरà¥à¤®à¥‹à¤‚स डिसऑरà¥à¤¡à¤°à¥à¤¸, इरेकà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² डिसà¥à¤«à¤‚कà¥à¤¶à¤¨ अथवा नपà¥à¤‚सकता की बड़ी वजह हो सकती है।
3.नरà¥à¤µà¤¸ सिसà¥à¤Ÿà¤® में आई किसी कमी के चलते à¤à¥€ यह समसà¥à¤¯à¤¾ हो सकती है। यानी नà¥à¤¯à¥‚रॉलजी से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ नपà¥à¤‚सकता की अहम वजह हो सकती हैं।
4.लिंग में उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ या इरेकà¥à¤¶à¤¨ की वजह उसमें खून का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ होता है। मगर जब कà¤à¥€ खून का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ सही नहीं होता तो उसमें सखà¥à¤¤à¥€ नहीं आ पाती। कई बार सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ तब और खराब हो जाती है जब वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सेकà¥à¤¸ कर रहा होता है और रकà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ लिंग में खतà¥à¤® हो जाता है।
5.हमारे मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• में सेकà¥à¤¸ संबंधी बातों के लिठà¤à¤• खास केंदà¥à¤° होता है। इसी केंदà¥à¤° के चलते सेकà¥à¤¸ संबंधी इचà¥à¤›à¤¾à¤à¤‚ नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ होती हैं और इंसान सेकà¥à¤¸ कर पाता है। इस सेंटर में अगर कोई डिसऑरà¥à¤¡à¤° है, तो à¤à¥€ इरेकà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² डिसà¥à¤«à¤‚कà¥à¤¶à¤¨ हो सकता है।
6.शक का कीड़ा जब दिमाग में कà¥à¤²à¤¬à¥à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ है तो वह à¤à¥€ सेकà¥à¤¸ में नाकामी वजह हो सकता है। कई बार लोगों को लगता है कि वे ठीक तरह से सेकà¥à¤¸ कर à¤à¥€ पाà¤à¤‚गे या नहीं और जब यह विचार के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के मन में आता है तो हकीकत में à¤à¤¸à¤¾ हो जाता है।
7 डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ का मानना है कि 80 फीसदी मामलों में इरेकà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² डिसà¥à¤«à¤‚कà¥à¤¶à¤¨ की वजह शारीरिक होती है, बाकी 20 फीसदी मामले à¤à¤¸à¥‡ होते हैं जिनमें इसके लिठमानसिक कारण जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° होते हैं।
8.कà¥à¤› पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की दवाईयों से जैसे सà¥à¤Ÿà¤¿à¤°à¤¾à¥…ईड अॅनà¥à¤Ÿà¤¾à¤¸à¤¿à¤¡ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿à¥¤
9.हाई बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤°,पाचन तंतà¥à¤° संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾,हारà¥à¤®à¥‹à¤‚नल बदलाव डायबिटीज़ और हृदय रोग जैसी बीमारिया नामरà¥à¤¦à¥€ अथवा नपà¥à¤‚सकता के कारण हो सकते है।
10.दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में किसी अंदरूनी नस के जोखिम होने अथवा मेरà¥à¤¦à¤‚ड में चोट लगने से à¤à¥€ इमà¥à¤ªà¥‹à¤Ÿà¥‡à¤‚स की समसà¥à¤¯à¤¾ हो सकती है।
पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°
नपà¥à¤‚सकता दो तरह की होती है: मानसिक और शारीरिक। मानसिक नपà¥à¤‚सकता में कई बार पà¥à¤°à¥à¤· को, à¤à¤• परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में सही उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ आती है, जबकि दूसरी परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में नहीं आती है। मिसाल के तौर पर जब वह मासà¥à¤Ÿà¤°à¤¬à¥‡à¤¶à¤¨ करता है तो उसे सही उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ आ जाती है और जब वह सहवास करता है तो सही उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ नहीं आती। शारीरिक नपà¥à¤‚सकता में किसी à¤à¥€ परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में पà¥à¤°à¥à¤· को सहवास के योगà¥à¤¯ सही उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ नहीं आती।
3. लिंग को खड़ा करने वाले उपकरणों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें :- मशीनी वैकà¥à¤¯à¥à¤® यनà¥à¤¤à¥à¤° का उपयोग करके लिंग के आसपास खालीपन का दबाव बनाया जाता है जिस से वह रकà¥à¤¤ को लिंग में खींचता है, उसे बड़ा करता है और खड़ा करता है जिससे लिंग में कड़ापन आ जाता है।
4. मनोचिकितà¥à¤¸à¤¾ :-विशेषजà¥à¤ž नपà¥à¤‚सकता का उपचार मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ आधारित तकनीक से करते हैं जिससे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की समà¥à¤à¥‹à¤— समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ परेशानियां दूर हो जाती है। रोगी की साथी इस तकनीक को कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ करने में मदद दे सकती है जिसमें अंतरंगता का विकास और उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ à¤à¥€ शामिल है।
मà¥à¤à¤¸à¥‡ टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट के लिठइस नंबर पर संपरà¥à¤• करे: नौ पांच तीन पाच चार दो शà¥à¤¨à¥à¤¯ सात सात शà¥à¤¨à¥à¤¯
इन मेडिसिन को लेने से पहले मà¥à¤à¤¸à¥‡ सलाह लें
खà¥à¤°à¤¾à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त आकलन और पाथोलॉजी पर निरà¥à¤à¤° करता है।
उपचार कारण के आधार पर निरà¥à¤à¤° करता है।
आपकी समसà¥à¤¯à¤¾ के लिठउचित शिकà¥à¤·à¤¾ और परामरà¥à¤¶ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। आपकी समसà¥à¤¯à¤¾ के लिठमेरे पास बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• उपचार है। सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤à¥¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€à¥¤ कोई दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ नहीं। मैं आपके सेकà¥à¤¸ समय को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ और सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से बढ़ा सकता हूं। यू आपकी समसà¥à¤¯à¤¾ के लिठमà¥à¤à¤¸à¥‡ परामरà¥à¤¶ कर सकते हैं।
मैं आपको सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ जीवन की कामना करता हूà¤
à¤à¤—वान आपका à¤à¤²à¤¾ करे।
डॉ देसाई
Dr. Anand Prakash Rao Ghorpade